नई गाइडलाइन •
पीएचडी एंट्रेंस की जगह नेट स्कोर का उपयोग कर सकेंगे संस्थान
यूजीसी : अब तीन कैटेगरी में आयोजित होगा नेट, तीसरी कैटेगरी सिर्फ पीएचडी नामांकन के लिए होगी
Education Report |जयपुर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। अब नेट की परीक्षा का स्कोर तीन अलग-अलग कैटेगरी में जारी किया जाएगा। तीसरी कैटेगरी सिर्फ पीएचडी नामांकन के लिए अलग से शामिल की गई है, जो ऑल इंडिया लेवल पर उच्च शिक्षण संस्थानों में पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट के विकल्प के रूप में इस्तेमाल की जा सकेगी। यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश जारी किए हैं कि पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट की जगह नेट स्कोर का पीएचडी नामांकन में इस्तेमाल करें। शैक्षणिक सत्र 2024-25 से इसे लागू भी कर दिया गया है।
नेट पहले दो कैटेगरी में होता था। एक जूनियर रिसर्च फैलोशिप (जेआरएफ) और दूसरा असिस्टेंट प्रोफेसर की अहर्ता के लिए। हालांकि पहले भी शिक्षण संस्थान पीएचडी नामांकन में एंट्रेंस टेस्ट से नेट-जेआरएफ छात्रों को छूट देते थे और उन्हें सीधे साक्षात्कार में शामिल किया जाता रहा है। लेकिन अब यूजीसी ने इसके लिए अलग से विशेष प्रावधान करते हुए एनटीए के द्वारा ली जाने वाली नेट परीक्षा की तीसरी कैटेगरी में शामिल किया है।
एक साल में दो बार जून और दिसंबर में होता है एग्जाम
एनईपी 2020 में राष्ट्रीय प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, जिसके द्वारा यह निर्णय लिया गया है। पहले ऑल इंडिया लेवल पर पीएचडी के लिए अलग से एंट्रेंस टेस्ट लेने की बात कही जा रही थी। इसी के विकल्प के तौर पर नेट में ही एक अलग और तीसरी कैटेगरी बना दी गई है, और उसे एक वर्ष) के लिए वैलिड कर दिया गया है।
3 कैटेगरी में अलग-अलग स्कोर कार्ड होंगे जारी
नेट में तीनों कैटेगरी में अलग-अलग स्कोर कार्ड जारी किया जाएगा। अगर किसी ने पहली कैटेगरी यानी जेआरएफ क्वालिफाय किया है तो वह तीनों कैटेगरी में उत्तीर्ण माना जाएगा। मतलब वह स्कॉलरशिप के साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए तो वैलिड है ही साथ साथ वह पीएचडी के लिए भी पात्र है। इसी प्रकार अगर कोई दूसरी कैटेगरी में उत्तीर्ण हुआ है तो वह असिस्टेंट प्रोफेसर के साथ पीएचडी नामांकन के लिए वैलिड है। वहीं अब अलग से तीसरी कैटेगरी का रिजल्ट जारी किया जाएगा।
एक साल के लिए ही वैलिड होगा पीएचडी का स्कोर
तीसरी कैटेगरी सिर्फ पीएचडी नामांकन के लिए है। इसमें ऑल इंडिया लेवल पर किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान में यह स्कोर कार्ड पीएचडी नामांकन के एंट्रेंस टेस्ट की जगह वैलिड होगा। यह एक वर्ष के लिए वैलिड होगा। ऐसे में छात्र को हर हाल में पीएचडी में नामांकन लेना होगा, अन्यथा उसका वैलिडेशन समाप्त हो जाएगा।
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